Fair Play Class 6 English Summary, Lesson Plan
Fair Play Class 6 English Story Summary, Lesson plan and PDF notes is given below. By reading through the detailed summary, CBSE Class 6 students will be able to understand the lesson easily. Once the students finished reading the summary in english and hindi they can easily answer any questions related to the chapter. Students can also refer to CBSE Class 6 English summary notes – for their revision during the exam.
CBSE Class 6 English Fair Play Summary
Fair Play summary in both english and hindi is available here. This article starts with a discussion about the author and then explains the chapter in short and detailed fashion. Ultimately, the article ends with some difficult words and their meanings.
Short Summary of Fair Play
The story is about two friends who had a fair sense of justice. The enmity between these two friends has developed a misunderstanding. Their friendship was at stake but the other friend helps them to realize their fault.
Summary of Fair Play in English
Part I
Jumman Shaikh and Algu Chowdhry were very good friends and were greatly respected in the village. Jumman had an old aunt who had transferred her property in his name. In return, Jumman was to look after her till her last breath. But in two-three years, Jumman and his wife were tired of the old lady and started ill-treating and insulting her for food.
The aunt then decided to cook her own food and asked Jumman for a monthly allowance. Jumman refused shamelessly.
The aunt then complained to the people of the village, some laughed at her, some sympathised but nobody helped her. Even Algu said that although he respected her, he could not go against his best friend. So the old lady decided to hold a Panchayat and asked Algu also to come.
Part II
The Panchayat was held under a Banyan tree the same evening and when asked to nominate a Panch, Jumman’s aunt named Algu to the delight of Jumman. He expected the decision to be in his favour as Algu was his friend. But his happiness did not last long because Algu gave the decision in favour of the old lady and ordered Jumman to pay her a monthly allowance or return her property. This decision severed all ties between the two friends.
Part III
Jumman decided to avenge the wrong done to him. He soon got a chance. It so happened that Algu was in financial trouble so he sold one of his bullocks to Samjhu Sahu, but unfortunately the bullock died soon after being sold. Samjhu Sahu was to pay the money for the bullock in a month’s time which he refused to pay.
Algu took the case to the Panchayat where Sahu nominated Jumman as the Panch hoping that Jumman would definitely want to take revenge and hence will take the decision in his favour. As soon as Jumman became the head Panch, he realized the responsibility attached to this seat of honour. He decided fairly in favour of Algu and ordered Sahu to pay for the bullock.
Algu was overjoyed. The two friends embraced each other. They agreed unanimously that a Panch has no friend or enemy. He knows only justice.
Summary of Fair Play in Hindi
Part I
जुम्मन शेख और अलगू चौधरी अच्छे मित्र थे। दोनों का गाँव में सम्मान भी बहुत था।
जुम्मन की एक बूढी बुआ थी, जिसके पास कुछ संपत्ति थी। उसने उस संपत्ति को जुम्मन के नाम कर दिया। शर्त थी कि वह जुम्मन के साथ रहेगी। जुम्मन उसकी अच्छी तरह देख-भाल करेगा। दो वर्ष तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। फिर परिस्थिति बदल गयी। जुम्मन और उसके परिवार का व्यवहार बदल गया। जो थोड़ा बहुत खाना उसे दिया जाता था वह भी बड़ी बेइज्जती के साथ। आखिर उसका सब्र समाप्त हो गया। उसे लगा कि अब वह उस (जुम्मन) के घर में बोझ बन गयी थी। उसने जुम्मन से कहा कि वह उसे प्रतिमास कुछ धन दे ताकि वह अपना चूल्हा अलग कर सके। जुम्मन ने कहा कि उसकी पत्नी ही घर को सर्वोत्तम ढंग से चलाना जानती थी। उस (बुआ) ने मामले को ग्राम पंचायत के सामने लाने का निर्णय कर लिया।
अपनी बात समझाने के लिए बूढी महिला गाँव वालों के पास गयी। कुछ ने सहानुभूति दिखाई। कुछ उस पर हँसे। दूसरों ने कहा कि वह जुम्मन और उसकी पत्नी से बात कर मामला सुलझा ले। अंत में वह अलगू चौधरी के | पास गयी। उसने वृद्धा से कहा कि वह जुम्मन के खिलाफ नहीं जा सकता था क्योंकि वह उसका सर्वोत्तम मित्र था। इस पर उसने उससे पूछा, “पर मेरे बेटे, जो तुम सही और उचित समझते हो, उसको न कहना क्या ठीक है ?”
Part II
एक पुराने बरगद के पेड़ के नीचे पंचायत लगी। जुम्मन बोला, मेरी बुआ पंच को चुन ले। मैं उसकी बात मान लूंगा।” बूढी औरत ने यह जानते हुए भी कि अलगू चौधरी जुम्मन का पक्का दोस्त है, उसके नाम का प्रस्ताव किया। पर इस बात से जुम्मन का दिल खुश हो गया। उसने सोचा कि उसका सर्वोत्तम मित्र होने के कारण अलगू उसके खिलाफ नहीं जा सकता था। उसकी खुशी अधिक देर न टिक सकी। अलगू चौधरी ने बूढी औरत के पक्ष में निर्णय दे दिया। उस (औरत) ने कहा कि पंच के दिल में परमेश्वर निवास करता है। उसका मतलब था कि पंच होने पर कोई भी व्यक्ति न्यायपूर्ण और उचित होने के लिए बाध्य हो जाता है। परंतु जुम्मन बहुत नाराज हो गया। दोस्ती की डोर इस घटना से टूट गयी। घटना के बाद फिर दोनों को साथ-साथ नहीं देखा गया। जुम्मन अलगू से बदला लेना चाहता था।
Part III
कुछ दिनों बाद अलगू के सामने एक कठिन समस्या आ खड़ी हुई। उसने अपना बैल समझू साहू को बेचा था। समझू साहू ने वादा किया था कि वह एक महीने बाद उसकी कीमत अदा कर देगा। दुर्भाग्य से पैसे चुकाने की तारीख से पहले ही बैल मर गया। साहू ने पैसे देने से इंकार कर दिया। एक बार फिर एक मामला पंचायत के सामने था।
इस बार साहू ने पंच के रूप में जुम्मन के नाम का प्रस्ताव किया। अलगू का दिल बैठ गया। उसे पक्का विश्वास था कि जुम्मन उसके खिलाफ निर्णय देगा। पर उसने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। हालांकि जुम्मन बदला लेने की इच्छा में जल रहा था, पर न्याय की कुर्सी पर बैठकर वह ऐसा नहीं कर सका। उसने अपना निर्णय अलगू के पक्ष में दिया। अलगू की खुशी का ठिकाना न था। वह चिल्ला कर बोला कि यह पंचायत और न्याय की जीत थी। उसने कहा कि पंच के दिल में परमेश्वर निवास करता है। फिर दोनों दोस्त एक-दूसरे के गले मिले और रो पड़े। आँसूओं ने उन दोनों के बीच की गलतफहमी की धूल को धो डाला।